UP 10 टन तेल मिल अनुदान योजना 2025 | FPO और सहकारी समितियों के लिए आवेदन प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण उद्यम और कृषि-आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत FPO (Farmer Producer Organization) और सहकारी समितियां यदि 10 टन क्षमता वाली तेल मिल स्थापित करती हैं, तो उन्हें सरकार की ओर से विशेष अनुदान (Subsidy) दिया जाएगा।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे — तेल मिल योजना के लाभ, पात्रता शर्तें, आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज़।
तेल मिल लगाने पर अनुदान का उद्देश्य
सरकार का मुख्य लक्ष्य है:
- किसानों की आय में वृद्धि
- कृषि उत्पादों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण
- रोजगार के अवसर बढ़ाना
- गांवों में सूक्ष्म और लघु उद्योग को बढ़ावा देना
योजना की मुख्य विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | 10 टन तेल मिल अनुदान योजना |
लाभार्थी | FPO और सहकारी समितियां |
अनुदान राशि | परियोजना लागत का निश्चित प्रतिशत (निर्धारित नियमों के अनुसार) |
आवेदन मोड | ऑनलाइन/ऑफलाइन (विभागीय पोर्टल के माध्यम से) |
विभाग | कृषि या सहकारिता विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार |
पात्रता शर्तें
तेल मिल अनुदान का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित शर्तें लागू होंगी:
- आवेदक FPO या पंजीकृत सहकारी समिति हो।
- प्रस्तावित तेल मिल की क्षमता 10 टन प्रति दिन होनी चाहिए।
- परियोजना के लिए भूमि और बुनियादी ढांचा उपलब्ध हो।
- पिछली किसी सरकारी योजना का डिफॉल्टर न हो।
- परियोजना का व्यवसाय योजना (Business Plan) स्वीकृत हो।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़
- पंजीकरण प्रमाण पत्र (FPO/सहकारी समिति)
- व्यवसाय योजना (Business Plan)
- भूमि के स्वामित्व/लीज़ दस्तावेज़
- पहचान पत्र (आधार, पैन)
- बैंक विवरण
- प्रस्तावित मशीनरी का विवरण और कोटेशन
आवेदन प्रक्रिया
1. ऑनलाइन आवेदन
- कृषि विभाग/सहकारिता विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।
- “तेल मिल अनुदान योजना” सेक्शन में जाएं।
- रजिस्ट्रेशन करें और लॉगिन करें।
- आवेदन फॉर्म में सभी विवरण भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें।
- आवेदन सबमिट करें और आवेदन संख्या नोट करें।
2. ऑफलाइन आवेदन
- नजदीकी जिला कृषि अधिकारी या सहकारी विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म जमा करें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
अनुदान की राशि और भुगतान
अनुदान की राशि परियोजना लागत के निश्चित प्रतिशत के रूप में दी जाएगी, जो विभागीय मानकों के अनुसार होगी।
भुगतान किस्तों में होगा:
- पहली किस्त – परियोजना शुरू होने पर
- दूसरी किस्त – मशीनरी इंस्टालेशन के बाद
- अंतिम किस्त – उत्पादन शुरू होने पर
योजना के लाभ
- किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलेगा
- मध्यस्थों पर निर्भरता कम होगी
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
- स्थानीय स्तर पर तेल उत्पादन और पैकेजिंग संभव होगी
महत्वपूर्ण लिंक
- आधिकारिक पोर्टल (UP Agriculture Department): upagripardarshi.gov.in
- सहकारी विभाग पोर्टल: cooperative.up.gov.in