भारत सरकार द्वारा वर्षों से लंबित एक गंभीर मानवीय मुद्दे का समाधान अब स्पष्ट होता दिख रहा है। प्रधानमंत्री विकास पैकेज (PMDP) के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और छंब क्षेत्र से विस्थापित परिवारों के लिए एकमुश्त केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी गई है। यह कदम न केवल आर्थिक राहत प्रदान करेगा, बल्कि इन परिवारों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने की दिशा में भी मजबूती देगा।
विस्थापन की पृष्ठभूमि
1947 के विभाजन और उसके बाद 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान हजारों परिवार पीओके और छंब क्षेत्र से विस्थापित हो गए थे। दशकों से ये परिवार जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग क्षेत्रों में अस्थायी या सीमित संसाधनों के साथ जीवन बिता रहे थे। सरकार की तरफ से प्रयास होते रहे, लेकिन व्यापक और ठोस समाधान की कमी बनी रही।
प्रधानमंत्री विकास पैकेज: एक ठोस पहल
2015 में घोषित प्रधानमंत्री विकास पैकेज (PMDP) जम्मू-कश्मीर के समग्र विकास के लिए एक बड़ी पहल थी। इसी के तहत विस्थापित परिवारों के लिए एकमुश्त केंद्रीय सहायता (One-Time Central Assistance – OTCA) की योजना बनाई गई।
प्रमुख बिंदु:
✅ प्रत्येक पात्र परिवार को 5.5 लाख रुपये की सहायता राशि
✅ लाभार्थी सूची में शामिल हैं:
- 1947 में पीओके से विस्थापित परिवार
- 1965 में छंब क्षेत्र से विस्थापित परिवार
- सीमावर्ती क्षेत्रों में पुनर्वासित समुदाय
✅ बिना किसी भेदभाव के सीधी बैंक ट्रांसफर (DBT)
✅ पारदर्शिता और डिजिटल ट्रैकिंग के जरिए सहायता की निगरानी
अब तक का प्रभाव
इस योजना के तहत हजारों परिवारों को सीधा लाभ मिल चुका है। आर्थिक मदद मिलने के बाद इन परिवारों ने:
- अपने घरों का निर्माण या मरम्मत की
- बच्चों की शिक्षा में निवेश किया
- छोटे व्यवसायों को शुरू किया या बढ़ाया
इस पहल ने ना केवल आर्थिक मजबूती दी, बल्कि एक सम्मानजनक और स्थिर जीवन की दिशा में रास्ता खोला।
प्रशासनिक दक्षता और डिजिटल इंडिया की झलक
इस पूरी योजना को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लागू किया गया। लाभार्थियों की पहचान, दस्तावेज़ सत्यापन, और भुगतान—सभी प्रक्रियाएं DBT प्रणाली के तहत हुईं, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना न्यूनतम रही।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत PoK और छंब से विस्थापित परिवारों के लिए दी गई एकमुश्त सहायता, न केवल आर्थिक राहत है बल्कि यह सरकार के उस वादे की पूर्ति है, जो उसने दशकों पहले इन भारतीय नागरिकों से किया था।
यह योजना भारत सरकार की “सबका साथ, सबका विकास” की भावना का स्पष्ट उदाहरण है।