बिहार सरकार ने हाल ही में मजदूर और गरीब लोगो के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह ऐलान किया है कि 16 लाख से अधिक श्रमिको और मजदूरों के बैंक खातों में 5-5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी गई है। यह ठोस कदम उन गरीब और असहाय मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो किसान आर्थिक तंगी और रोजगार की कमी के बीच संघर्ष कर रहे हैं। और किसी तरिके अपना और अपने परिवार का पालन पोसड क्र रहे है
नितीश की सरकार का इस योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक मदद देना ही नहीं है, बल्कि श्रमिकों और मजदूरों को एकजुट करना और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना और उनका लाभ देना भी शामिल है। अगर आप भी मजदूर है या आपके परिवार या जानकारी में कोई ऐसा ब्यक्ति ऐसे वर्ग से आते हैं या आपके परिवार का कोई सदस्य इस श्रेणी में आता है, तो यह ब्लॉग आपके लिए बेहद उपयोगी और असरदार साबित होग़ा साबित होगा।
नीतीश सरकार की इस पहल का मकसद क्या है?
बिहार जैसे राज्य में बड़ी आबादी आज भी प्रवासी मजदूर और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के रूप में काम करती है। ये मजदूर खेती, निर्माण कार्य, ईंट भट्ठों, छोटी फैक्ट्रियों या दिहाड़ी मजदूरी से अपना जीवनयापन किसी तरीके से करते हैं।
कोविड-19 महामारी बीमारी के समय में बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं। उसी तरह अब भी आर्थिक असमानता और महंगाई के बीच गरीब और असहाए वर्ग को राहत देने के लिए 5-5 हजार रुपये की सीधी सहायता राशि दी जा रही है। इसका मकसद है –
मजदूरों की तुरंत आर्थिक मदद करना।
असंगठित श्रमिकों और मजदूरों को राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ना।
श्रमिक कार्ड और श्रम संसाधन विभाग की योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
रोजगार संकट के बीच मजदूरों के जीवन स्तर में सुधार करना।
किन-किन मजदूरों को मिलेगा 5-5 हजार का लाभ?
सरकार ने इस योजना के लिए श्रम संसाधन विभाग के तहत पंजीकृत श्रमिकों और मजदूरों को चिन्हित किया है। यानी जिन मजदूरों का श्रमिक कार्ड बना हुआ है और जो विभागीय रिकॉर्ड में शामिल हैं, उनके खातों में सीधे पैसे भेजे जा रहे हैं।
लाभ उठाने वाले श्रमिकों की श्रेणियां:
निर्माण मजदूर दिहाड़ी पे काम करने वाले (Construction Workers)
प्रवासी मजदूर यानि दूसरे प्रदेश इ जाकर नौकरी करने वाले
मनरेगा से जुड़े पंजीकृत श्रमिक
ईंट-भट्ठा पे काम करने वा गरीब मजदूर
रिक्शा चालक, ठेला खींचने वाले श्रमिक मजदूर
अन्य असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत मजदूर
पैसे किस तरह से भेजे गए? लोगो के खाते में
यह राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए सीधे मजदूरों के बैंक खाते में भेजी गई है।
बैंक खाते आधार से लिंक होना जरूरी है।
खाताधारक का नाम श्रम संसाधन विभाग की सूची में होना चाहिए।
राशि मिलने की सूचना लाभार्थी को SMS के माध्यम से उनके बंक रजिस्टर्ड नंबर पे दी जाती है।
जिन गरीब या मजदुर को अगर अभी तक पैसा नहीं मिला तो क्या करें?
कई मजदूरों को सवाल है कि अगर उनके खाते में पैसा नहीं आया तो क्या करें? इसके लिए ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:
बैंक पासबुक अपडेट करें – सबसे पहले अपने बैंक खाते की एंट्री अपडेट करवाएं।
आधार-बैंक लिंक जांचें – सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता आधार से जुड़ा हो।
श्रमिक कार्ड की वैधता देखें – श्रमिक कार्ड का नवीनीकरण समय पर कराना जरूरी है।
श्रम संसाधन विभाग से संपर्क करें – नजदीकी श्रम कार्यालय जाकर जानकारी लें।
ऑनलाइन स्टेटस चेक करें – बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर DBT की स्थिति जांच सकते हैं।
श्रमिक योजना का लाभ कैसे उठाएं?
अगर आपने अभी तक श्रमिक कार्ड नहीं बनवाया है, तो आपको जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। इसके जरिए आप न केवल 5 हजार रुपये का लाभ ले सकते हैं, बल्कि सरकार की अन्य योजनाओं से भी जुड़ सकते हैं।
श्रमिक कार्ड बनवाने की प्रक्रिया:
नजदीकी श्रम संसाधन कार्यालय जाएं।
आवश्यक दस्तावेज जमा करें –
आधार कार्ड
राशन कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटो
बैंक पासबुक की कॉपी
मजदूरी का प्रमाण (जैसे ठेकादार का सर्टिफिकेट, मनरेगा कार्ड आदि) जमा करें।
आवेदन फॉर्म भरें और सबमिट करें।
सत्यापन के बाद आपको श्रमिक कार्ड जारी किया जाएगा।
नीतीश सरकार की अन्य श्रमिक योजनाएं
बिहार सरकार ने मजदूर वर्ग के लिए कई और योजनाएं भी शुरू की हैं, जिनका फायदा हर पंजीकृत श्रमिक उठा सकता है:
निर्माण श्रमिक कल्याण योजना – मजदूरों को मेडिकल, शिक्षा और विवाह सहायता।
प्रवासी श्रमिक सहायता योजना – बाहर काम करने वाले श्रमिकों को आपातकालीन सहायता।
मातृत्व एवं प्रसूति सहायता योजना – महिला मजदूरों के लिए विशेष लाभ।
आवास सहायता योजना – घर बनाने के लिए आर्थिक सहयोग।
बीमा योजना – दुर्घटना और प्राकृतिक आपदा की स्थिति में परिवार को आर्थिक सुरक्षा।
मजदूरों के लिए यह योजना क्यों जरूरी है?
भारत में असंगठित क्षेत्र के मजदूर देश की रीढ़ की हड्डी हैं। परंतु उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर रहती है।
उन्हें नियमित रोजगार नहीं मिलता।
असमान वेतन और शोषण का सामना करना पड़ता है।
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित रह जाते हैं।
ऐसे में सरकार द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता मजदूरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है।
मजदूरों को क्या करना चाहिए?
समय पर श्रमिक कार्ड बनवाएं और नवीनीकरण कराएं।
बैंक खाता आधार से लिंक रखें।
सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए नजदीकी श्रम संसाधन कार्यालय से जुड़े रहें।
किसी भी धोखाधड़ी से बचने के लिए केवल अधिकृत पोर्टल और दफ्तर पर भरोसा करें।
निष्कर्ष
16 लाख मजदूरों के खाते में भेजे गए 5-5 हजार रुपये बिहार सरकार की एक बड़ी पहल है। यह सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश भी है।
अगर आप भी मजदूर वर्ग से जुड़े हैं, तो इस योजना का लाभ उठाने का सबसे सही तरीका है – श्रमिक कार्ड बनवाना और समय पर नवीनीकरण कराना।
सरकार की ये योजना उन परिवारों के लिए जीवनरेखा है, जिनकी आय का कोई स्थिर स्रोत नहीं है। इसलिए हर मजदूर को चाहिए कि वह अपने अधिकार की इस सहायता राशि को प्राप्त करे और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करे।