UPSC की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है। लाखों स्टूडेंट्स हर साल इसकी तैयारी करते हैं, लेकिन सफलता कुछ ही लोगों को मिलती है। आज हम आपको IAS Ritwik Mehta Success Story From IPS Training to AIR 115 बता रहे हैं जिसने साबित किया कि अगर दृढ़ निश्चय और सही रणनीति हो तो किसी भी परिस्थिति में सफलता हासिल की जा सकती है। हम बात कर रहे हैं ऋत्विक मेहता(Ritwik Mehta ) की, जिन्होंने IPS ट्रेनिंग के दौरान ही UPSC 2023 में AIR 115 हासिल कर IAS बनने का रास्ता तय किया।
बचपन और शिक्षा पृष्ठभूमि
ऋत्विक मेहता झारखंड के जमशेदपुर से आते हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई यहीं के लॉयला स्कूल (Loyola School, Jamshedpur) से की। बचपन से ही उनका रुझान पढ़ाई की ओर रहा। वह हमेशा मेहनती और अनुशासित छात्र माने जाते थे। उनके परिवार ने उन्हें शुरू से ही मजबूत वैल्यूज़ और शिक्षा पर ध्यान देने की प्रेरणा दी।
IPS से IAS तक का सफर
ऋत्विक का सफर वाकई प्रेरणादायक है। उन्होंने पहले ही प्रयास में UPSC क्लियर कर IPS के लिए चयन पाया और हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में ट्रेनिंग जॉइन की।
लेकिन ऋत्विक यहीं नहीं रुके। IPS ट्रेनिंग के साथ-साथ उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और दोबारा UPSC परीक्षा दी। इस बार उन्होंने शानदार सफलता पाई और 115वीं रैंक हासिल की। इसका मतलब यह है कि अब वे IAS कैडर के लिए एलिजिबल हो गए हैं।
चुनौतियाँ और संघर्ष
IPS ट्रेनिंग के दौरान ऋत्विक का शेड्यूल बेहद व्यस्त था। सुबह से लेकर देर रात तक शारीरिक और मानसिक ट्रेनिंग चलती थी। फिर भी उन्होंने हर दिन पढ़ाई के लिए समय निकाला। यह आसान नहीं था, लेकिन उनकी लगन और आत्मविश्वास ने उन्हें आगे बढ़ाया।
कई उम्मीदवारों को लगता है कि नौकरी या ट्रेनिंग के साथ पढ़ाई करना नामुमकिन है, लेकिन ऋत्विक ने दिखा दिया कि Time Management और Consistency से सब कुछ संभव है।
परिवार का योगदान और भाई वेदांत वर्मा
ऋत्विक की सफलता में उनके परिवार का बड़ा योगदान है। उनके माता-पिता ने हमेशा उनका साथ दिया और हर परिस्थिति में मोटिवेट किया।
खासकर उनके छोटे भाई वेदांत भी उनकी इस यात्रा का अहम हिस्सा रहे। उन्होंने न सिर्फ मानसिक सपोर्ट दिया, बल्कि पढ़ाई और स्ट्रेटेजी में भी कई बार मदद की। ऋत्विक खुद मानते हैं कि भाई के सहयोग और परिवार के लगातार हौसले ने उन्हें कभी हार मानने नहीं दी।
नीचे दी हुई फोटो ऋत्विक मेहता की आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान की है

तैयारी के तरीके और रणनीति
ऋत्विक की तैयारी से हर UPSC aspirant बहुत कुछ सीख सकता है। उन्होंने सिर्फ पढ़ाई नहीं की, बल्कि एक ऐसी स्ट्रेटेजी बनाई जिसे कोई भी स्टूडेंट फॉलो करके अपनी तैयारी को बेहतर कर सकता है।
- सिलेबस पर गहरी पकड़ – शुरुआत उन्होंने हमेशा बेसिक्स से की। सबसे पहले NCERT की किताबें पढ़ीं और हर कॉन्सेप्ट को बार-बार revise किया। इसके बाद धीरे-धीरे एडवांस लेवल की स्टैंडर्ड बुक्स की ओर बढ़े। इससे उनकी concepts clear हुए और strong foundation बना।
- करंट अफेयर्स पर ध्यान – UPSC सिर्फ बुक नॉलेज से नहीं निकलता, बल्कि आपको देश-दुनिया की नीतियों और खबरों पर पकड़ होनी चाहिए। ऋत्विक ने रोजाना अखबार, न्यूज पोर्टल्स और सरकार की नीतियों को ध्यान से पढ़ा। इस habit ने उन्हें answer writing और interview में काफी मदद की।
- उत्तर लेखन प्रैक्टिस (Answer Writing Practice) – उनकी तैयारी का सबसे बड़ा secret यही था। उन्होंने सिर्फ पढ़ाई नहीं की बल्कि रोजाना लिखने की आदत डाली। GS के सवालों से लेकर Essay तक, हर टॉपिक पर लिखते और अपने answers को evaluate करते। यही कारण है कि mains exam में उन्होंने बेहतर perform किया।
- टाइम मैनेजमेंट – सबसे inspiring हिस्सा ये है कि IPS training के दौरान भी उन्होंने पढ़ाई के लिए वक्त निकाला। रोजाना 3-4 घंटे लगातार पढ़ाई करते, वो भी discipline और consistency के साथ। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर चाह है तो समय की कमी कभी रुकावट नहीं बन सकती।
- सेल्फ डिसिप्लिन और फोकस – आजकल distraction हर जगह हैं, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया और दूसरी non-productive activities से दूरी बनाए रखी। उनकी priority सिर्फ UPSC exam था और उसी पर पूरा focus किया।
उनकी यह रणनीति बताती है कि अगर आप smart planning करें, basics पर strong पकड़ बनाएं और daily writing practice करें, तो बड़े से बड़ा challenge भी पार किया जा सकता है।
भावी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा
ऋत्विक मेहता की कहानी सिर्फ एक सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि हर उस उम्मीदवार के लिए जीवंत प्रेरणा है जो UPSC जैसी कठिन परीक्षा के सफर पर निकला है। उनकी जर्नी यह संदेश देती है कि —
- एक उपलब्धि ही अंत नहीं है – अक्सर लोग सोचते हैं कि एक बार competitive exam clear हो जाए तो सफर खत्म हो गया। लेकिन ऋत्विक ने दिखाया कि सफलता का मतलब रुक जाना नहीं, बल्कि और ऊँचाइयाँ पाना है। IPS की ट्रेनिंग के बीच उन्होंने फिर से मेहनत की और IAS बनने का सपना पूरा करने के लिए 115वीं रैंक हासिल की। यह aspirants को यह सिखाता है कि हमेशा खुद को और बेहतर बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए।
- कठिन परिस्थितियों में भी जीत संभव है – IAS की तैयारी वैसे ही कठिन होती है, लेकिन IPS की rigorous training के बीच समय निकालकर पढ़ना और लगातार मेहनत करना आसान नहीं था। इसके बावजूद ऋत्विक ने हर दिन 3-4 घंटे पढ़ाई की और distractions को दूर रखा। इससे aspirants को यह सीख मिलती है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों, अगर रणनीति सही हो और निरंतरता बनी रहे, तो सफलता निश्चित है।
- परिवार और साथियों का सहयोग – ऋत्विक हमेशा मानते हैं कि उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार और भाई वेदांत का बड़ा योगदान है। परिवार का moral support, कठिन समय में encouragement और सही guidance ने उनके सफर को आसान बनाया। यह उन सभी aspirants के लिए एक reminder है कि competitive exams का यह सफर अकेले तय नहीं होता, बल्कि आपके करीबियों का समर्थन इसे और मजबूत बनाता है।
निष्कर्ष
ऋत्विक मेहता ने यह साबित कर दिया कि सफलता का रास्ता कभी आसान नहीं होता, लेकिन लगन, धैर्य और मेहनत से हर बाधा पार की जा सकती है। IPS ट्रेनिंग के बीच IAS बनने की ओर बढ़ना कोई साधारण बात नहीं है। उनकी सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। कुल मिलाकर, ऋत्विक मेहता की जर्नी aspirants को यह सिखाती है कि सफलता सिर्फ मेहनत से नहीं बल्कि consistency, सही mindset और support system से भी मिलती है। अगर आप ठान लें, तो कोई भी बाधा आपको अपने लक्ष्य तक पहुँचने से नहीं रोक सकती।